बंधेज : एक अहसास

स्वदेश फिल्म का शाहरुख खान का एक गाना
मिट्टी की है जो खुशबू तू कैसे भुलायेगा,
जो चाहे बन जाए तू लौट के आएगा।
राजस्थानी लोग आज न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व के अंदर अपनी छाप छोड़ चुके हैं। यहां के पानी की ही कुछ ऐसी बात है, कहने को तो हम धूल मिट्टी से भरे रेगिस्तान में रहते हैं पर हमारा दिल रेगिस्तान नहीं हमारे दिल के अंदर पूरे विश्व को अपना मानने की क्षमता है।
एक बार हमारे एक मित्र है वह बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में काम करते हैं उनका फोन आया कि यार तुम यूट्यूब के ऊपर इतना बंधेज बंधेज करते हो यह बंधेज इतना इतराता क्यों है ऐसी क्या खास बात है इस बंधेज में।
आप यदि कभी राजस्थान के गांव में जाएंगे तो हम देखेंगे छोटे से छोटे गांव के अंदर महिलाएं जब घर का काम निपटा लेते हैं उसके बाद हाथ में एक कपड़ा लेकर और धागा लेकर पिरोने लग जाती है बंधेज को और यही बंधेज आप विश्वास नहीं करेंगे यदि मुकेश अंबानी के घर में भी शादी हो तो वहां भी सब बड़े-बड़े लोग पहनते हैं। इतनी जोरदार किस्मत है इस बंधेज की एक छोटे से गांव में एक बूढ़ी मां के हाथ से तैयार होता है और विश्व के इतने बड़े-बड़े लोगों के सर पर सजता है। अब थोड़ा तो इतराना बनता है।
बंधेज में हम लोग ना केवल साड़ियां, सलवार सूट, दुपट्टे पीला चुनरी कुर्ते और लहंगे बल्कि पुरुषों के सिर पर सजने वाली पगड़ियां, टाई और जितनी भी सजावट की आइटम होती है वह सब बनाते हैं। सीकर चूरू और झुंझुनूं यह तीन शहर हमारे यहां शेखावाटी बेल्ट के नाम से जाने जाते हैं। यहां पर संपूर्ण विश्व में बिकने वाला बंधेज बनता है। खाटूश्याम क्रिएशंस ने पिछले कई सालों में अमेरिका के सभी प्रमुख शहरों जैसे कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा, न्यू जर्सी आदि में माल भेजा है, इसके अलावा इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, चाइना, हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका, भूटान, नेपाल, सऊदी अरब, दुबई UAE आदि बहुत देशों में माल सप्लाई किया है।
शेखावाटी का बंधेज हमारे लिए महज एक कला नहीं बल्कि हमारे परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, हमारे लिए एक भावनात्मक जुड़ाव है।
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बंधेज, बंधेज की साड़ी, बांधनी